कार सुरक्षा: 2025 में किसे मिलेगी सबसे अच्छी रेटिंग, जानिए!

क्या आप कभी सोचे हैं कि अपनी गाड़ी खरीदते वक़्त सुरक्षा कितनी ज़रूरी है? यह सिर्फ एक सुविधा नहीं है, बल्कि आपके और आपके परिवार की जान बचाने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू हो सकता है। क्या आप जानते हैं कि एक दुर्घटना में गंभीर चोटों या मृत्यु से बचने में कार की सुरक्षा रेटिंग कितना अहम रोल निभा सकती है? कुछ समय पहले ही, मेरे एक दोस्त की कार एक छोटे से हादसे में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। यह सुनकर रूह काँप जाती है, है ना? किस्मत से, उस कार की सुरक्षा रेटिंग अच्छी थी और उसमें सवार सभी लोग, हालांकि सदमे में थे, लेकिन गंभीर रूप से घायल हुए नहीं थे। वह दृश्य बहुत ही डरावना था और इस घटना ने मेरे दोस्त को कार की सुरक्षा रेटिंग के बारे में गहराई से जानने पर मजबूर कर दिया। तभी उन्होंने महसूस किया कि यह सिर्फ कुछ सितारे या अंक नहीं हैं, बल्कि जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर हो सकते हैं।

दुर्भाग्यवश, कई लोग गाड़ी खरीदते समय कीमत, माइलेज या फीचर्स पर ज़्यादा ध्यान देते हैं, लेकिन सुरक्षा को उतनी अहमियत नहीं देते। जबकि हकीकत यह है कि सड़क पर दुर्घटनाएं कभी भी हो सकती हैं और एक सुरक्षित कार आपको और आपके अपनों को ऐसी अनचाही घटनाओं के गंभीर परिणामों से बचा सकती है। इस लेख में, हम 2024-2025 में उपलब्ध कारों की सुरक्षा रेटिंग के बारे में विस्तार से जानेंगे। हम समझेंगे कि ये रेटिंग्स क्या होती हैं, कैसे तय की जाती हैं, और सबसे ज़रूरी बात, कैसे आप इन रेटिंग्स का इस्तेमाल करके अपने लिए एक सुरक्षित गाड़ी चुन सकते हैं।

सुरक्षा रेटिंग: क्या है और कैसे काम करती है?

सरल शब्दों में कहें तो, कार की सुरक्षा रेटिंग एक पैमाना है जो यह बताता है कि कोई गाड़ी किसी दुर्घटना की स्थिति में अपने अंदर बैठे लोगों को कितनी अच्छी तरह से बचा सकती है। यह सिर्फ क्रैश होने पर मिलने वाली सुरक्षा ही नहीं, बल्कि हादसे को टालने की क्षमता को भी मापती है। दुनिया भर में कई संस्थाएं हैं जो कारों का परीक्षण करके उन्हें सुरक्षा रेटिंग देती हैं। इनमें से दो सबसे प्रमुख हैं अमेरिका स्थित IIHS (Insurance Institute for Highway Safety) और NHTSA (National Highway Traffic Safety Administration)।

IIHS अपनी टेस्टिंग में काफी विस्तृत है। यह कार की क्रैशवर्थनेस (दुर्घटना सहन करने की क्षमता) और क्रैश एवॉइडेंस (दुर्घटना से बचने की क्षमता) दोनों का मूल्यांकन करता है। IIHS कई तरह के क्रैश टेस्ट करता है, जिनमें मॉडरेट ओवरलैप फ्रंटल टेस्ट (गाड़ी का अगला हिस्सा आंशिक रूप से टकराना), स्माल ओवरलैप फ्रंटल टेस्ट (आगे का छोटा हिस्सा टकराना), साइड क्रैश टेस्ट, रूफ स्ट्रेंथ टेस्ट (छत की मज़बूती) और हेड रेस्टोरेंट व सीट टेस्ट शामिल हैं। इन परीक्षणों के आधार पर, IIHS कारों को ‘Top Safety Pick‘ या इससे भी बेहतर ‘Top Safety Pick+‘ रेटिंग देता है। ‘Top Safety Pick+‘ सबसे सुरक्षित कारों को मिलती है जो क्रैश टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन करने के साथ-साथ एडवांस्ड क्रैश एवॉइडेंस सिस्टम और अच्छी हेडलाइट्स भी प्रदान करती हैं।

दूसरी ओर, NHTSA एक 5-स्टार रेटिंग प्रणाली का उपयोग करती है। NHTSA मुख्य रूप से फ्रंटल क्रैश, साइड क्रैश और रोलओवर (पलटने) टेस्ट पर ध्यान केंद्रित करती है। यह रेटिंग सिस्टम खरीदारों के लिए समझना काफी आसान है – जितने ज़्यादा स्टार, उतनी बेहतर सुरक्षा। 5-स्टार रेटिंग का मतलब है कि गाड़ी में दुर्घटना में गंभीर चोट लगने का खतरा काफी कम है। NHTSA की रेटिंग विभिन्न कार वर्गों (जैसे सेडान, SUV आदि) और भारों के आधार पर तुलनात्मक जानकारी देती है।

भारत के संदर्भ में, Global NCAP (Global New Car Assessment Programme) और अब Bharat NCAP (Bharat New Car Assessment Program) बहुत महत्वपूर्ण हो गए हैं। Global NCAP ‘Safer Cars for India‘ जैसे अभियानों के तहत भारतीय कारों का परीक्षण करता रहा है। यह फ्रंटल ऑफसेट क्रैश टेस्ट (64 किमी/घंटा की गति से) और साइड इम्पैक्ट टेस्ट करता है। Global NCAP भी एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (वयस्क यात्रियों की सुरक्षा) और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (बच्चों की सुरक्षा) के लिए अलग-अलग स्टार रेटिंग देता है, आमतौर पर 0 से 5 स्टार तक।

Bharat NCAP, जो हाल ही में शुरू हुआ है, Global NCAP के प्रोटोकॉल के साथ संरेखित है लेकिन भारतीय ड्राइविंग और सड़क परिस्थितियों के लिए कुछ अतिरिक्त परीक्षण भी शामिल कर सकता है। यह भारत में बेची जाने वाली कारों के लिए सुरक्षा मूल्यांकन का एक विश्वसनीय राष्ट्रीय मानक प्रदान करेगा। इन सभी संस्थाओं का उद्देश्य कार की सुरक्षा का वैज्ञानिक तरीके से मूल्यांकन करना और उस जानकारी को आम जनता तक पहुंचाना है ताकि वे सूचित निर्णय ले सकें।

सुरक्षित कार खरीदने के फायदे और इसमें क्या चुनौतियाँ हैं?

एक उच्च सुरक्षा रेटिंग वाली कार खरीदने के कई फायदे हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं:

  • यात्री सुरक्षा: यह सबसे बड़ा फायदा है। सुरक्षा रेटिंग सीधे तौर पर आपको यह जानने में मदद करती है कि किसी दुर्घटना के दौरान गाड़ी में बैठे यात्री कितने सुरक्षित रहेंगे। अच्छी रेटिंग वाली कारें गंभीर चोटों की संभावना को बहुत कम कर देती हैं और जीवन बचा सकती हैं।
  • आत्मविश्वास और मन की शांति: जब आप जानते हैं कि आपकी गाड़ी सुरक्षित है, तो आपको ड्राइविंग करते समय अधिक आत्मविश्वास महसूस होता है। इससे यात्रा के दौरान मन को शांति मिलती है, खासकर जब आप परिवार के साथ यात्रा कर रहे हों।
  • बेहतर वाहन डिजाइन: सुरक्षा रेटिंग के लिए किए जाने वाले टेस्ट कार निर्माताओं को सुरक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वे अपनी कारों की बॉडी स्ट्रक्चर को मज़बूत बनाने, बेहतर सुरक्षा विशेषताएं (जैसे एयरबैग्स, सीटबेल्ट्स) लगाने और नई सुरक्षा तकनीकों को लागू करने पर काम करते हैं।
  • बाजार में सूचित चुनाव: सुरक्षा रेटिंग अलग-अलग कारों की सुरक्षा के स्तर की तुलना करने का एक आसान तरीका प्रदान करती हैं। इससे ग्राहक अपनी ज़रूरतों और बजट के हिसाब से सबसे सुरक्षित विकल्प चुन सकते हैं। कभी-कभी, एक सुरक्षित कार खरीदने से लंबी अवधि में बीमा लागतें भी कम हो सकती हैं, हालांकि यह बीमा कंपनी की नीतियों पर निर्भर करता है।
  • सड़क सुरक्षा में सुधार: जब ज़्यादा लोग सुरक्षित कारें खरीदते हैं, तो सड़कों पर चलने वाले वाहनों का औसत सुरक्षा स्तर बढ़ जाता है, जिससे कुल मिलाकर सड़क दुर्घटनाओं के गंभीर परिणामों में कमी आती है।

हालांकि, सुरक्षा रेटिंग के साथ कुछ चुनौतियाँ और सीमाएँ भी हैं:

  • मापदंडों में भिन्नता: जैसा कि हमने देखा, अलग-अलग टेस्टिंग एजेंसियां (IIHS, NHTSA, GNCAP, Bharat NCAP) अलग-अलग मापदंडों और परीक्षणों का उपयोग करती हैं। इससे कभी-कभी एक ही कार को अलग-अलग एजेंसियों से अलग-अलग रेटिंग मिल सकती है, जिससे तुलना करना मुश्किल हो सकता है।
  • सभी वेरिएंट का परीक्षण नहीं: आमतौर पर, सुरक्षा रेटिंग किसी कार मॉडल के एक या दो विशिष्ट वेरिएंट (संस्करणों) के लिए जारी की जाती हैं, जिनमें कुछ मानक सुरक्षा विशेषताएं होती हैं। निचले या ऊपरी वेरिएंट में एयरबैग्स या ADAS जैसी सुरक्षा सुविधाओं की संख्या अलग हो सकती है, जिसका अर्थ है कि रेटिंग उस विशिष्ट वेरिएंट पर पूरी तरह लागू नहीं हो सकती है जिसे आप खरीद रहे हैं।
  • वास्तविक दुनिया की जटिलता: लैब्स में किए गए क्रैश टेस्ट नियंत्रित स्थितियों में होते हैं। वास्तविक दुनिया में दुर्घटनाएं बहुत जटिल होती हैं और इनमें विभिन्न प्रकार के प्रभाव कोण (impact angles), गति और वस्तुएं शामिल हो सकती हैं जो मानक परीक्षणों में शामिल नहीं होती हैं।
  • अन्य कारकों पर निर्भरता: कार की सुरक्षा रेटिंग केवल वाहन की इंजीनियरिंग और सुरक्षा सुविधाओं पर आधारित होती है। दुर्घटना के परिणाम चालक के अनुभव, उनकी प्रतिक्रिया समय, यातायात की स्थिति, सड़क की गुणवत्ता और मौसम जैसी कई अन्य चीज़ों पर भी निर्भर करते हैं। एक अनुभवी और सतर्क चालक कम रेटिंग वाली कार में भी खुद को ज़्यादा सुरक्षित रख सकता है, जबकि एक लापरवाह चालक उच्च रेटिंग वाली कार में भी दुर्घटना का शिकार हो सकता है।
  • लागत का कारक: उच्च सुरक्षा रेटिंग वाली कारों में अक्सर अधिक उन्नत सुरक्षा विशेषताएं होती हैं, जिससे उनकी कीमत थोड़ी अधिक हो सकती है, जो कुछ खरीदारों के लिए एक चुनौती हो सकती है।

इन चुनौतियों के बावजूद, सुरक्षा रेटिंग अभी भी कार की सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए एक बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण उपकरण है। यह आपको एक सूचित निर्णय लेने में मदद करती है।

कार सुरक्षा में महत्वपूर्ण विशेषताएं: एयरबैग्स से लेकर ADAS तक

कार की सुरक्षा रेटिंग सिर्फ क्रैश टेस्ट के नतीजों पर आधारित नहीं होती, बल्कि गाड़ी में मौजूद विभिन्न सुरक्षा सुविधाओं का भी इसमें बड़ा योगदान होता है। आइए कुछ प्रमुख सुरक्षा विशेषताओं को समझते हैं:

  • एयरबैग्स (Airbags): ये सबसे प्रसिद्ध सुरक्षा विशेषताओं में से एक हैं। दुर्घटना होने पर ये तेज़ी से फूलकर यात्री और वाहन के कठोर हिस्सों के बीच एक कुशन बनाते हैं, जिससे चोट की गंभीरता कम हो जाती है। आज की कारों में केवल फ्रंट एयरबैग्स ही नहीं, बल्कि साइड एयरबैग्स (जो साइड से होने वाली टक्कर से बचाते हैं), कर्टन एयरबैग्स (जो खिड़कियों के पास सिर को बचाते हैं) और कभी-कभी नी एयरबैग्स (घुटनों के लिए) भी मिलते हैं। एयरबैग्स की संख्या और उनका सही प्लेसमेंट सुरक्षा रेटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • ABS (Anti-lock Braking System): यह सिस्टम अचानक ब्रेक लगाने पर पहियों को लॉक होने से रोकता है। इससे चालक को ब्रेक लगाते समय भी गाड़ी को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, जिससे बाधा से बचने की संभावना बढ़ जाती है और दुर्घटना टल सकती है।
  • EBD (Electronic Brakeforce Distribution): यह ABS से जुड़ा हुआ सिस्टम है जो गाड़ी के भार वितरण के अनुसार अलग-अलग पहियों पर लगने वाले ब्रेक के दबाव को नियंत्रित करता है। इससे ब्रेकिंग की क्षमता बढ़ती है और गाड़ी के फिसलने का खतरा कम होता है।
  • ESP (Electronic Stability Program) या ESC (Electronic Stability Control): यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण सुरक्षा सुविधा है। यदि कार अचानक मोड़ते समय या गीली/फिसलन भरी सड़क पर नियंत्रण खोने लगती है, तो ESP खुद ही अलग-अलग पहियों पर ब्रेक लगाकर और इंजन की पावर को नियंत्रित करके गाड़ी को स्थिर करने में मदद करता है। यह रोलओवर दुर्घटनाओं को रोकने में भी सहायक हो सकता है।
  • ISOFIX Child Seat Mounts: यह बच्चों की सीट को कार में सुरक्षित और आसानी से लगाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मानक सिस्टम है। बच्चों की सुरक्षा के लिए यह बहुत ज़रूरी है, क्योंकि गलत तरीके से लगाई गई चाइल्ड सीट दुर्घटना की स्थिति में अप्रभावी हो सकती है।
  • सीटबेल्ट्स (Seatbelts): ये सुरक्षा की सबसे बुनियादी और सबसे महत्वपूर्ण परत हैं। आधुनिक कारों में सीटबेल्ट्स में प्रीटेंशनर्स (जो टक्कर होते ही सीटबेल्ट को कस देते हैं) और फ़ोर्स लिमिटर्स (जो छाती पर पड़ने वाले अत्यधिक दबाव को कम करते हैं) जैसी विशेषताएं भी होती हैं, जो चोटों को कम करने में मदद करती हैं। हमेशा सीटबेल्ट पहनना सुरक्षा रेटिंग वाली कार में भी सर्वोपरि है।
  • ADAS (Advanced Driver-Assistance Systems): ये नई तकनीकें हैं जो दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करती हैं। इनमें शामिल हैं:
    • AEB (Automatic Emergency Braking): यदि सिस्टम को सामने किसी बाधा (दूसरी गाड़ी, पैदल यात्री) का पता चलता है और चालक प्रतिक्रिया नहीं करता है, तो यह खुद ही ब्रेक लगा देता है।
    • लेन डिपार्चर वार्निंग (Lane Departure Warning) और लेन कीप असिस्ट (Lane Keep Assist): यदि कार बिना इंडिकेटर दिए अपनी लेन से बाहर जा रही है, तो यह सिस्टम चालक को चेतावनी देता है या स्टीयरिंग में हल्का सुधार करके गाड़ी को लेन में रखने में मदद करता है।
    • ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग (Blind Spot Monitoring): यह ड्राइवर को उसके ब्लाइंड स्पॉट (साइड मिरर में न दिखने वाले हिस्से) में छिपे वाहनों के बारे में चेतावनी देता है।
    • अडेप्टिव क्रूज़ कंट्रोल (Adaptive Cruise Control): यह सिस्टम आगे चल रहे वाहन से सुरक्षित दूरी बनाए रखते हुए आपकी कार की गति को स्वचालित रूप से समायोजित करता है।

    ADAS सिस्टम क्रैश एवॉइडेंस रेटिंग में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और भविष्य की कारों में इनकी भूमिका और बढ़ेगी।

ये सभी विशेषताएं मिलकर एक कार को सुरक्षित बनाती हैं और टेस्टिंग एजेंसियां इन सभी को ध्यान में रखकर ही फाइनल सुरक्षा रेटिंग देती हैं।

भारत में वर्तमान स्थिति और भविष्य की ओर एक नज़र

खुशी की बात यह है कि भारत में कार की सुरक्षा रेटिंग के प्रति जागरूकता तेज़ी से बढ़ रही है। ग्राहक अब सिर्फ माइलेज या फीचर्स ही नहीं, बल्कि सुरक्षा को भी खरीद का एक महत्वपूर्ण मानदंड मान रहे हैं। सोशल मीडिया और ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से लोग GNCAP जैसे संगठनों द्वारा जारी की गई रेटिंग्स के बारे में जान रहे हैं और सुरक्षित कारों की मांग कर रहे हैं। इस बढ़ती मांग का असर कार निर्माताओं पर भी पड़ा है। अब कई कार निर्माता अपनी कारों को GNCAP के तहत टेस्ट करवा रहे हैं और अपनी कारों में मानक के तौर पर अधिक सुरक्षा सुविधाएं (जैसे कम से कम दो एयरबैग्स, ABS) प्रदान कर रहे हैं, भले ही सरकारी नियम अभी उतने सख्त न हों।

2024-2025 में, हम देख रहे हैं कि कई भारतीय मॉडलों ने GNCAP टेस्टिंग में 4-स्टार और 5-स्टार रेटिंग हासिल की है। यह दिखाता है कि भारतीय बाज़ार में भी अब सुरक्षित कारों के विकल्प मौजूद हैं। ग्लोबल मार्केट में, होंडा सिविक, माज़दा 3, टोयोटा प्रियस, होंडा एकॉर्ड, हुंडई सोनैटा और टोयोटा कैमरी जैसी कारें अपनी उच्च सुरक्षा रेटिंग के लिए लंबे समय से जानी जाती रही हैं। इन कारों में अक्सर उन्नत संरचनात्मक सुरक्षा और कई ADAS फीचर्स शामिल होते हैं।

भारत में Bharat NCAP का लॉन्च एक ऐतिहासिक कदम है। यह भारतीय उपभोक्ताओं को उनकी अपनी परिस्थितियों के लिए प्रासंगिक सुरक्षा जानकारी प्रदान करेगा। यह निर्माताओं को भी भारत-विशिष्ट मॉडलों में सुरक्षा सुधारों को लागू करने के लिए प्रेरित करेगा। आने वाले वर्षों में, हम उम्मीद कर सकते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा भारतीय कारें Bharat NCAP के तहत टेस्ट की जाएंगी और उच्च रेटिंग प्राप्त करेंगी। सरकार द्वारा सुरक्षा नियमों को और सख्त बनाने की संभावना भी है, जिससे सभी कारों में कुछ न्यूनतम सुरक्षा विशेषताएं अनिवार्य हो जाएंगी।

भविष्य की बात करें तो, कार सुरक्षा का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है। कार निर्माता लगातार नई और बेहतर सुरक्षा तकनीकों पर काम कर रहे हैं। ADAS सिस्टम और अधिक परिष्कृत होंगे, जो लगभग सभी ड्राइविंग परिस्थितियों में दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेंगे। इंटेलिजेंट सेंसर, कैमरे और रडार का उपयोग बढ़ेगा, जो कार को अपने आसपास के वातावरण को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे।

2030 तक, स्व-ड्राइविंग कारों (Self-Driving Cars) का चलन भी बढ़ सकता है। जबकि पूरी तरह से स्वचालित ड्राइविंग अभी कुछ समय दूर है, आंशिक रूप से स्वचालित सिस्टम (जैसे जो हाईवे पर ड्राइविंग में मदद करते हैं) अधिक आम हो जाएंगे। इन प्रणालियों में मानव त्रुटि को कम करके सड़क सुरक्षा में क्रांति लाने की क्षमता है, हालांकि इनके अपने सुरक्षा संबंधी विचार और चुनौतियां भी होंगी जिन्हें दूर करना होगा। कुल मिलाकर, तकनीक कारों को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।

सुरक्षित कार खरीदने के लिए प्रैक्टिकल सुझाव

अब जबकि आप सुरक्षा रेटिंग और सुरक्षा सुविधाओं के महत्व को समझ गए हैं, तो आइए देखें कि कार खरीदते समय आप इस जानकारी का प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे कर सकते हैं:

  • रिसर्च करें, रिसर्च करें और फिर रिसर्च करें: कार फाइनल करने से पहले, उसकी सुरक्षा रेटिंग ज़रूर देखें। भारत में उपलब्ध मॉडलों के लिए GNCAP और Bharat NCAP की वेबसाइटें सबसे अच्छी जगह हैं। यदि आप किसी ऐसे मॉडल पर विचार कर रहे हैं जो ग्लोबल स्तर पर भी बिकता है, तो आप IIHS और NHTSA की रेटिंग्स भी देख सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि भारतीय मॉडल ग्लोबल मॉडल से थोड़ा अलग हो सकता है।
  • रेटिंग की तुलना करें: सिर्फ स्टार रेटिंग न देखें। देखें कि कार ने विभिन्न प्रकार के क्रैश टेस्ट (फ्रंटल, साइड) में कैसा प्रदर्शन किया है। वयस्क और बाल यात्री सुरक्षा के लिए अलग-अलग रेटिंग देखें। यह समझने की कोशिश करें कि कार को वह रेटिंग क्यों मिली।
  • सही वेरिएंट चुनें: सुरक्षा सुविधाएं अक्सर कार के अलग-अलग वेरिएंट में अलग-अलग होती हैं। सुनिश्चित करें कि जिस वेरिएंट को आप खरीदने की सोच रहे हैं, उसमें पर्याप्त संख्या में एयरबैग्स (कम से कम फ्रंट एयरबैग्स अनिवार्य होने चाहिए, लेकिन साइड और कर्टन एयरबैग्स होने पर बेहतर है), ABS, और यदि संभव हो तो ESP जैसी महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं। यदि आपका बजट अनुमति दे, तो ADAS सुविधाओं वाले वेरिएंट पर भी विचार करें।
  • कार के स्ट्रक्चर को समझें: सुरक्षा रेटिंग कार के बॉडी स्ट्रक्चर की मज़बूती को दर्शाती हैं। देखें कि कार को ‘स्टेबल स्ट्रक्चर’ रेटिंग मिली है या नहीं। एक मज़बूत स्ट्रक्चर क्रैश की ऊर्जा को बेहतर तरीके से अवशोषित करता है, जिससे केबिन में बैठे यात्रियों पर कम प्रभाव पड़ता है।
  • अपनी ड्राइविंग ज़रूरतों को ध्यान में रखें: यदि आप ज़्यादातर हाईवे पर ड्राइव करते हैं, तो ESP और ADAS जैसी क्रैश एवॉइडेंस सुविधाएं आपके लिए अधिक महत्वपूर्ण हो सकती हैं। यदि आप शहर में ड्राइव करते हैं, तो अच्छी ब्रेकिंग सिस्टम और एयरबैग्स ज़्यादा ज़रूरी होंगे।
  • टेस्ट ड्राइव लें: टेस्ट ड्राइव के दौरान, कार की विजिबिलिटी (visibility), हैंडलिंग और ब्रेकिंग को महसूस करें। एक ऐसी कार जो चलाने में आसान हो और अच्छी तरह से कंट्रोल हो, वह भी आपको दुर्घटनाओं से बचने में मदद कर सकती है।
  • सुरक्षा रखरखाव को प्राथमिकता दें: कार खरीदने के बाद, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित रखरखाव बहुत ज़रूरी है। टायरों की कंडीशन और उनमें हवा का दबाव सही रखें, ब्रेक सिस्टम की नियमित जांच करवाएं और सुनिश्चित करें कि सभी लाइट्स काम कर रही हैं।
  • सुरक्षित ड्राइविंग आदतें अपनाएं: याद रखें, दुनिया की सबसे सुरक्षित कार भी लापरवाही से चलाने पर सुरक्षित नहीं है। हमेशा गति सीमा का पालन करें, विचलित होकर ड्राइविंग न करें (जैसे फोन का उपयोग करना), शराब पीकर गाड़ी न चलाएं और हमेशा सीटबेल्ट पहनें।

पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

कार सुरक्षा रेटिंग्स को लेकर कुछ आम सवाल और उनके जवाब यहाँ दिए गए हैं:

  • क्या ज़्यादा एयरबैग्स का मतलब हमेशा ज़्यादा सुरक्षा है?
    ज़्यादा एयरबैग्स होने से चोटों से बचाव की संभावना बढ़ती है, खासकर अलग-अलग तरह की टक्करों में। लेकिन सिर्फ एयरबैग्स की संख्या ही सब कुछ नहीं है। कार का स्ट्रक्चर, सीटबेल्ट्स की क्वालिटी और एयरबैग्स का सही तरीके से खुलना (डिप्लॉयमेंट) भी उतना ही महत्वपूर्ण है। एक कम एयरबैग वाली लेकिन structurally मज़बूत कार, कमज़ोर स्ट्रक्चर वाली ज़्यादा एयरबैग वाली कार से ज़्यादा सुरक्षित हो सकती है।
  • क्या उच्च सुरक्षा रेटिंग वाली कारें हमेशा महंगी होती हैं?
    पहले ऐसा हो सकता था, लेकिन अब प्रतिस्पर्धा बढ़ने और सुरक्षा जागरूकता के कारण, कई निर्माता कम बजट वाली कारों में भी अच्छी सुरक्षा रेटिंग और विशेषताएं प्रदान कर रहे हैं। आप अलग-अलग सेगमेंट में सुरक्षित कारों के विकल्प खोज सकते हैं।
  • क्या सुरक्षा रेटिंग कार के सभी वेरिएंट पर लागू होती है?
    नहीं, आमतौर पर रेटिंग उस विशिष्ट वेरिएंट या बेस मॉडल पर लागू होती है जिसका परीक्षण किया गया है। यदि किसी वेरिएंट में महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषताएं (जैसे एयरबैग्स की संख्या या ADAS पैकेज) हटा दी गई हैं, तो उसकी सुरक्षा रेटिंग अलग हो सकती है। हमेशा जांचें कि आप जिस वेरिएंट को खरीद रहे हैं, उसमें वे सुरक्षा विशेषताएं हैं जिनकी बदौलत उस मॉडल को अच्छी रेटिंग मिली है।
  • सुरक्षा रेटिंग कितनी बार अपडेट होती हैं?
    टेस्टिंग एजेंसियां नए या अपडेटेड मॉडल के परीक्षण के बाद रेटिंग्स जारी करती रहती हैं। कार निर्माता भी समय-समय पर अपनी कारों में सुरक्षा सुधार करते हैं, जिसके बाद उन्हें फिर से टेस्ट करवाया जा सकता है। पुरानी कारों की रेटिंग अक्सर उपलब्ध नहीं होती क्योंकि टेस्टिंग प्रोटोकॉल समय के साथ बदलते रहते हैं और सख्त होते जाते हैं।
  • GNCAP और Bharat NCAP में क्या अंतर है?
    Global NCAP एक अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट है जो दुनिया भर के विकासशील बाजारों में कारों का परीक्षण करता है, जिसमें भारत भी शामिल रहा है। Bharat NCAP भारत का अपना राष्ट्रीय कार सुरक्षा मूल्यांकन कार्यक्रम है, जो ग्लोबल मानकों के अनुरूप है लेकिन भारतीय परिस्थितियों और ज़रूरतों के हिसाब से अधिक प्रासंगिक होगा। अब भारत में बेची जाने वाली अधिकांश कारों का परीक्षण Bharat NCAP के तहत होने की उम्मीद है।

निष्कर्ष

कार की सुरक्षा रेटिंग सिर्फ तकनीकी जानकारी का एक टुकड़ा नहीं है; यह आपके और आपके प्रियजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। दुर्घटनाएं अप्रत्याशित होती हैं, लेकिन एक सुरक्षित कार चुनकर आप उनके परिणामों की गंभीरता को काफी कम कर सकते हैं। IIHS, NHTSA, Global NCAP और अब Bharat NCAP जैसी संस्थाएं हमें सूचित निर्णय लेने के लिए बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती हैं। इन रेटिंग्स को समझना और उनका उपयोग करना समय और प्रयास के लायक है।

तकनीक लगातार विकसित हो रही है और कारों को पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित बना रही है। एयरबैग्स और ABS जैसी बुनियादी सुविधाओं से लेकर ADAS जैसी उन्नत प्रणालियों तक, सुरक्षा नवाचार हमारी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए काम कर रहे हैं। 2024-2025 और उसके बाद के वर्षों में, हम कारों में और भी अधिक सुरक्षा सुविधाओं और बेहतर सुरक्षा मानकों को देखेंगे।

अगली बार जब आप एक नई या पुरानी कार खरीदने का विचार करें, तो उसकी सुरक्षा रेटिंग को प्राथमिकता देना न भूलें। यह आपके द्वारा लिया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता है। अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, नियमित रखरखाव और सुरक्षित ड्राइविंग आदतों का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इन सुरक्षा रेटिंग्स का लाभ उठाएं और अपनी हर यात्रा को सुरक्षित बनाएं।

अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें।

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