BS4 vs BS6: क्या बदला, कैसे बचाएं अपनी सांसें, और 2025 में क्या होगा?

क्या आपने कभी सोचा है कि आपके द्वारा चलाया जाने वाला वाहन हवा को कितना प्रदूषित कर रहा है? कल्पना कीजिए कि हर दिन लाखों वाहन शहर की हवा को ज़हरीला बना रहे हैं, बच्चों की सेहत पर असर डाल रहे हैं, और हमारी अगली पीढ़ी को सांस लेने योग्य हवा से वंचित कर रहे हैं। आजकल आपने BS4 और BS6 इंजन के बारे में ज़रूर सुना होगा। ये इंजन, हमारे वायु प्रदूषण के साथ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम BS4 और BS6 इंजन में क्या अंतर है, और ये बदलाव हमारी ज़िंदगी को कैसे प्रभावित करते हैं, विस्तार से जानेंगे।

क्या हैं BS मानक?

BS का मतलब है Bharat Stage। ये वो उत्सर्जन मानक हैं जो भारत सरकार द्वारा तय किए गए हैं। इनका मकसद वाहनों से निकलने वाले प्रदूषकों की मात्रा को कंट्रोल करना है।

ये मानक समय-समय पर अपडेट होते रहते हैं ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। जैसे-जैसे मानक सख्त होते जाते हैं, वाहन बनाने वाली कंपनियों को अपनी तकनीक में सुधार करना पड़ता है।

भारत ने यूरोपीय उत्सर्जन मानकों (Euro norms) के आधार पर ही अपने BS मानक बनाए हैं। BS4 मानक 2017 में लागू हुए थे, और फिर 1 अप्रैल 2020 से पूरे देश में BS6 मानक लागू हो गए।

BS4 और BS6 इंजन में क्या अंतर है और ये कैसे काम करते हैं?

BS4 और BS6, ये दो शब्द आपके लिए एक नए वाहन खरीदने से लेकर, या फिर पुराने वाहन के बारे में सोचने तक, बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये शब्द बताते हैं कि इंजन कितने प्रदूषण उत्पन्न करते हैं। BS4 पहले मानक था, और अब BS6 आ गया है। BS6 इंजन BS4 इंजन से काफी अलग हैं।

यह मानक, वाहनों से निकलने वाली प्रदूषक गैसों और कणों की मात्रा को कम करने के लिए बनाया गया है। ये मानक, एक तरह से हवा को साफ करने के लिए एक नई तकनीक है।

मुख्य अंतर कुछ खास प्रदूषकों की लिमिट में है:

  • नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx): BS6 डीजल इंजन से निकलने वाले NOx में करीब 70% की कमी आती है BS4 की तुलना में। पेट्रोल इंजन के लिए यह कमी करीब 25% है।
  • पार्टिकुलेट मैटर (PM): डीजल इंजन से निकलने वाले PM (बारीक कण) में BS6 मानक के तहत करीब 80% की भारी कमी की गई है। BS4 मानकों में PM उत्सर्जन पर इतनी सख्ती नहीं थी।
  • सल्फर: BS6 मानकों के साथ-साथ, ईंधन (पेट्रोल और डीजल) में सल्फर की मात्रा को भी बहुत कम कर दिया गया है। BS4 ईंधन में सल्फर की मात्रा 50 पार्ट्स पर मिलियन (ppm) होती थी, जबकि BS6 ईंधन में इसे घटाकर सिर्फ 10 ppm कर दिया गया है। यह बदलाव BS6 इंजन की टेक्नोलॉजी के लिए बहुत ज़रूरी है।

ये इंजन, इंजन के अंदर ही प्रदूषक गैसों और कणों को पकड़ कर, उन्हें कम या समाप्त कर देते हैं, जिससे हवा में कम प्रदूषण छोड़ा जाता है। BS4 इंजन में ये सुविधाएँ कम या नहीं होतीं।

जैसे मान लीजिये आप एक कार में सफर कर रहे हैं। BS4 इंजन वाली कार, BS6 वाले इंजन वाली कार की तुलना में हवा में ज़्यादा प्रदूषण फैलाती है। BS6 इंजन को इस तरह बनाया गया है कि वह कम प्रदूषण पैदा करें।

इस प्रदूषण को कम करने के लिए BS6 इंजन में कई नई और अडवांस्ड तकनीकें इस्तेमाल की जाती हैं।

BS6 इंजन में इस्तेमाल होने वाली मुख्य तकनीकें:

  • सेलेक्टिव कैटालिटिक रिडक्शन (SCR): यह टेक्नोलॉजी खास तौर पर डीजल इंजनों में NOx उत्सर्जन को कम करने के लिए इस्तेमाल होती है। इसमें एक लिक्विड, जिसे आमतौर पर ‘यूरिया’ घोल कहते हैं (जैसे AdBlue), एग्जॉस्ट सिस्टम में इंजेक्ट किया जाता है। यह NOx को हानिरहित नाइट्रोजन और पानी में बदल देता है।
  • डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर (DPF): यह भी डीजल इंजनों में इस्तेमाल होता है। यह एग्जॉस्ट गैसों में मौजूद हानिकारक कालिख (soot) और पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर करके इकट्ठा कर लेता है। समय-समय पर यह फिल्टर खुद को साफ करता है, जिसे ‘रीजेनरेशन’ कहते हैं।
  • अपग्रेडेड कैटालिटिक कन्वर्टर: पेट्रोल इंजनों में भी कैटालिटिक कन्वर्टर होते हैं, लेकिन BS6 मानकों को पूरा करने के लिए इन्हें और ज़्यादा इफिशिएंट बनाया गया है ताकि कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), हाइड्रोकार्बन (HC) और NOx उत्सर्जन को और कम किया जा सके।
  • इंप्रूव्ड इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU): इंजन मैनेजमेंट सिस्टम को ज़्यादा सटीक बनाया गया है। यह इंजन के कंबशन (जलने की प्रक्रिया) को बेहतर तरीके से कंट्रोल करता है ताकि कम से कम प्रदूषण हो।
  • लेनियर ऑक्सीजन सेंसर: ये सेंसर ज़्यादा सटीक तरीके से हवा-ईंधन के मिक्सचर को मापते हैं, जिससे इंजन सही अनुपात में ईंधन जला सके और प्रदूषण कम हो।

इन तकनीकों की वजह से ही BS6 इंजन BS4 इंजन के मुकाबले काफी साफ होते हैं। BS4 इंजन में आमतौर पर सिर्फ एक बेसिक कैटालिटिक कन्वर्टर होता था जो BS6 जितना प्रभावी नहीं था। डीजल गाड़ियों में तो PM फिल्टर जैसा कुछ था ही नहीं, जिसकी वजह से वे ज़्यादा PM उत्सर्जित करती थीं।

BS6 के फायदे और चुनौतियां

BS6 मानकों को अपनाने के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं जिन्हें समझना ज़रूरी है।

मुख्य फायदे:

  • स्वच्छ हवा और बेहतर स्वास्थ्य: BS6 इंजन के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण कम होता है, खासकर शहरों में जहां ट्रैफिक ज़्यादा होता है। NOx और PM जैसे प्रदूषक सांस की बीमारियों, दिल की समस्याओं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। कम प्रदूषण यानी हमारे और हमारे बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य। यह हमारे शहरों को सांस लेने योग्य बनाता है। यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद कर सकता है।
  • कम स्मॉग: NOx और पार्टिकुलेट मैटर स्मॉग (धुंध और प्रदूषण का मिश्रण) के बनने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। BS6 वाहनों से इनका उत्सर्जन कम होने से शहरों में स्मॉग की समस्या से कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
  • बढ़िया तकनीक: BS6 इंजन में नई तकनीक इस्तेमाल होती है, जैसे कि SCR और DPF, जो प्रदूषण को और भी कम करते हैं। यह बताता है कि लगातार प्रौद्योगिकी में सुधार हो रहा है। ये तकनीकें इंजन को ज़्यादा इफिशिएंट और बेहतर कंट्रोल वाली बनाती हैं।
  • दीर्घायु: सही ईंधन (BS6 ईंधन) के साथ इस्तेमाल किए जाने पर, BS6 इंजन और उनके उत्सर्जन कंट्रोल सिस्टम ज़्यादा समय तक चलते हैं। हालांकि, इसके लिए सही रखरखाव बहुत ज़रूरी है।
  • सुरक्षित भविष्य: सरकार द्वारा निर्धारित BS6 मानक वायु गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। ये पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर माहौल तैयार करता है।

चुनौतियां:

  • बढ़ती लागत: BS6 मानकों को पूरा करने वाले इंजन और उनके उत्सर्जन कंट्रोल सिस्टम बनाने में ज़्यादा लागत आती है। इस वजह से BS6 वाहन BS4 वाहनों की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं। यह शुरुआती लागत ग्राहकों के लिए एक चुनौती हो सकती है।
  • ईंधन की उपलब्धता और गुणवत्ता: BS6 इंजन को BS6 ईंधन की ही ज़रूरत होती है। अगर BS4 ईंधन का इस्तेमाल किया जाए तो इंजन और उत्सर्जन सिस्टम को नुकसान पहुँच सकता है। शुरुआत में, खासकर छोटे शहरों में BS6 ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक चुनौती थी, हालांकि अब यह काफी हद तक हल हो गई है।
  • रखरखाव की लागत और जटिलता: BS6 इंजन और उनके साथ लगे SCR, DPF जैसे सिस्टम ज़्यादा जटिल होते हैं। इनके रखरखाव के लिए विशेष ज्ञान और उपकरण की ज़रूरत होती है। अगर इनमें कोई खराबी आती है तो मरम्मत महंगी हो सकती है। AdBlue (यूरिया घोल) को समय-समय पर भरवाना पड़ता है, जो एक अतिरिक्त खर्च और ध्यान रखने वाली बात है।
  • ईंधन खपत: कुछ मामलों में, BS6 इंजन में कुछ कम ईंधन बचत हो सकती है, क्योंकि नए तकनीकों के चलते थोड़ी ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है या सिस्टम को चलाने में थोड़ी ज़्यादा शक्ति लग सकती है। हालांकि, कई आधुनिक BS6 इंजन बेहतर ट्यूनिंग और टेक्नोलॉजी की वजह से BS4 जितना ही या उससे बेहतर माइलेज भी दे सकते हैं। यह मॉडल पर निर्भर करता है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य

भारत में, BS6 मानक नए वाहनों के लिए 1 अप्रैल 2020 से अनिवार्य हो गया है। इसका मतलब है कि इस तारीख के बाद सिर्फ BS6 कंप्लायंट वाहन ही बेचे और रजिस्टर किए जा सकते हैं। यह दिखाता है कि सरकार पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

विश्व भर में भी ऐसे ही कदम उठाए जा रहे हैं। जैसे, कई देश प्रदूषण कम करने के लिए सरकार अपने वाहन नियमों में बदलाव कर रहे हैं और पहले से ही Euro 6 जैसे सख्त मानक अपना चुके हैं, जो BS6 के लगभग बराबर हैं।

अगले कुछ वर्षों में, हम BS6 मानक के और भी सख्त नियमों को देख सकते हैं, जो प्रदूषण को और भी कम करने के प्रयास करेंगे। इन्हें BS7 मानकों के नाम से जाना जा सकता है, हालांकि अभी तक इनकी घोषणा नहीं हुई है। इनमें उत्सर्जन की लिमिट को और कम किया जा सकता है और शायद वाहनों के वास्तविक ड्राइविंग कंडीशन में होने वाले उत्सर्जन (Real Driving Emissions – RDE) को मापने पर भी ज़ोर दिया जा सकता है।

तकनीकी रूप से, ऑटोमोबाइल उद्योग लगातार सुधार कर रहा है। 2025 तक, हम AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित ईंधन अनुकूलन प्रौद्योगिकी को अधिक देखने की उम्मीद कर सकते हैं। यह टेक्नोलॉजी इंजन को रियल-टाइम में ऑप्टिमाइज़ करेगी ताकि ईंधन की खपत कम हो और उत्सर्जन न्यूनतम हो, जो BS6 मानकों को और भी प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करेगी।

इससे आगे देखें तो 2030 तक, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और अन्य प्रदूषण-मुक्त परिवहन विकल्पों का चलन और बढ़ेगा। सरकार भी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा दे रही है। BS6 एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन लंबी अवधि में लक्ष्य शायद पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त वाहनों की ओर बढ़ना है।

BS6 ईंधन क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

जैसा कि हमने बताया, BS6 इंजन को सही ढंग से काम करने के लिए BS6 ईंधन की ज़रूरत होती है। BS6 ईंधन, चाहे वह पेट्रोल हो या डीजल, BS4 ईंधन के मुकाबले बहुत साफ होता है।

BS4 ईंधन में सल्फर की मात्रा 50 ppm (पार्ट्स पर मिलियन) होती थी, जबकि BS6 ईंधन में यह केवल 10 ppm है। सल्फर एक हानिकारक तत्व है जो कंबशन के दौरान सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) बनाता है, जो वायु प्रदूषण और एसिड रेन का कारण बनता है।

इसके अलावा, BS6 ईंधन में सल्फर की कम मात्रा BS6 इंजनों में लगी प्रदूषण कंट्रोल तकनीकों के लिए बेहद ज़रूरी है। उदाहरण के लिए, डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर (DPF) सल्फर के प्रति संवेदनशील होते हैं। अगर ज़्यादा सल्फर वाला ईंधन इस्तेमाल किया जाए, तो DPF जल्दी ब्लॉक हो सकता है और ठीक से काम नहीं करेगा, जिससे इंजन को नुकसान हो सकता है और उत्सर्जन बढ़ जाएगा। इसी तरह, कैटालिटिक कन्वर्टर भी सल्फर की ज़्यादा मात्रा से खराब हो सकते हैं।

अच्छी बात यह है कि BS6 ईंधन BS4 वाहनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वास्तव में, BS4 वाहन में BS6 ईंधन इस्तेमाल करने से उसका उत्सर्जन भी थोड़ा कम हो जाता है और इंजन की लाइफ भी बेहतर हो सकती है क्योंकि सल्फर इंजन के हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है।

लेकिन BS6 वाहन में BS4 ईंधन का इस्तेमाल करना हानिकारक है और इससे बचना चाहिए।

क्या पुराने BS4 वाहन BS6 में अपग्रेड किए जा सकते हैं?

यह एक आम सवाल है जो लोग पूछते हैं। तकनीकी रूप से, कुछ खास मॉडलों के लिए (आमतौर पर बड़ी कमर्शियल गाड़ियां), आफ्टरमार्केट किट उपलब्ध हो सकती हैं जो उन्हें BS6 के करीब के मानकों पर ला सकती हैं। लेकिन निजी कारों और मोटरसाइकिलों के लिए, BS4 इंजन को पूरी तरह से BS6 मानकों में अपग्रेड करना आमतौर पर संभव नहीं होता है और अगर हो भी तो यह बहुत महंगा और अव्यावहारिक होता है।

BS6 कंप्लायंस केवल इंजन को बदलने के बारे में नहीं है। इसमें एग्जॉस्ट सिस्टम (DPF, SCR, अपग्रेडेड कैटालिटिक कन्वर्टर), सेंसर, ECU सॉफ्टवेयर और अन्य कई सिस्टम में बदलाव शामिल होते हैं। यह पूरे वाहन के डिज़ाइन का हिस्सा होता है।

इसलिए, अपने मौजूदा BS4 वाहन को BS6 में ‘बदलने’ की बजाय, उसका सही रखरखाव करना और BS6 ईंधन का उपयोग करना ही सबसे अच्छा विकल्प है।

BS6 वाहन खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें

अगर आप नया वाहन खरीद रहे हैं, तो वह BS6 ही होगा क्योंकि अब BS4 वाहनों की बिक्री बंद हो गई है। लेकिन खरीदते समय कुछ बातें ध्यान में रख सकते हैं:

  • शोरूम से पुष्टि करें: विक्रेता से दोबारा पुष्टि करें कि वाहन BS6 कंप्लायंट है और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) पर भी यह दर्ज होगा।
  • सही ईंधन के बारे में जानें: वाहन निर्माता कंपनी द्वारा बताए गए ईंधन का ही उपयोग करें (पेट्रोल या डीजल) और हमेशा BS6 ग्रेड का ईंधन भरवाएं।
  • रखरखाव का शेड्यूल समझें: BS6 वाहनों के रखरखाव का शेड्यूल थोड़ा अलग हो सकता है, खासकर डीजल वाहनों में जहां DPF रीजेनरेशन और AdBlue लेवल चेक करना होता है। सर्विस मैनुअल को ध्यान से पढ़ें।
  • अतिरिक्त लागतें: डीजल BS6 गाड़ियों में AdBlue (यूरिया घोल) भरने का खर्च आएगा। यह जानना ज़रूरी है कि इसे कब और कितना भरना होता है।
  • लंबी अवधि के फायदे देखें: वाहन की शुरुआती ज़्यादा कीमत को स्वच्छ हवा और बेहतर स्वास्थ्य जैसे लंबी अवधि के फायदों से तुलना करें।

प्रैक्टिकल सुझाव

BS6 मानकों के इस दौर में, हम सभी कुछ कदम उठाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं:

  • नया वाहन खरीदते समय BS6 इंजन वाले वाहन चुनें। यह अब अनिवार्य है, लेकिन पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता का यह पहला कदम है।
  • अपने मौजूदा वाहन, चाहे वह BS4 हो या पुराना, का नियमित रखरखाव कराएं। सही ट्यूनिंग और मेंटेनेंस से उत्सर्जन कम होता है।
  • हमेशा सही ईंधन का प्रयोग करें। यदि आपका वाहन BS6 है, तो सुनिश्चित करें कि आप केवल BS6 पेट्रोल या डीजल ही भरवा रहे हैं। यदि BS4 है, तो BS6 ईंधन का उपयोग करना भी फायदेमंद होगा।
  • ड्राइविंग की आदतों में सुधार करें। अचानक ब्रेक लगाने या तेज़ी से एक्सेलेरेट करने से ईंधन ज़्यादा खर्च होता है और प्रदूषण भी ज़्यादा होता है। स्मूथ ड्राइविंग अपनाएं।
  • टायरों में सही हवा का दबाव बनाए रखें। कम हवा वाले टायर इंजन पर ज़्यादा लोड डालते हैं और ईंधन दक्षता कम करते हैं।
  • जब वाहन का उपयोग न हो रहा हो तो इंजन बंद कर दें, खासकर ट्रैफिक सिग्नल पर।
  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने या कारपूलिंग (carpooling) पर विचार करें जब भी संभव हो।
  • पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें और अपने दोस्तों और परिवार को भी BS6 मानकों और स्वच्छ हवा के महत्व के बारे में बताएं।
  • वाहन के रखरखाव पर ध्यान दें, खासकर उत्सर्जन कंट्रोल सिस्टम से संबंधित पुर्जों पर।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

यहां BS4 और BS6 को लेकर कुछ आम सवाल और उनके जवाब दिए गए हैं:

सवाल: क्या मैं अपने BS4 वाहन में BS6 ईंधन का इस्तेमाल कर सकता हूँ?

जवाब: हाँ, बिल्कुल! आप BS4 वाहन में BS6 पेट्रोल या डीजल का इस्तेमाल आराम से कर सकते हैं। BS6 ईंधन में सल्फर कम होता है, जो BS4 इंजन के लिए भी बेहतर है और उसका प्रदर्शन थोड़ा सुधार सकता है और उत्सर्जन भी कम कर सकता है।

सवाल: क्या मैं अपने BS6 वाहन में BS4 ईंधन का इस्तेमाल कर सकता हूँ?

जवाब: नहीं, आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। BS6 इंजन और उसके उत्सर्जन कंट्रोल सिस्टम (जैसे DPF और SCR) को BS6 ईंधन में मौजूद कम सल्फर के लिए डिज़ाइन किया गया है। BS4 ईंधन में ज़्यादा सल्फर होता है, जो इन सिस्टम्स को नुकसान पहुंचा सकता है और उनकी लाइफ कम कर सकता है। इससे आपके वाहन का उत्सर्जन बढ़ जाएगा और वारंटी भी प्रभावित हो सकती है।

सवाल: मैं कैसे पता करूँ कि मेरा वाहन BS6 है या नहीं?

जवाब: आप अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) में देख सकते हैं। वहां उत्सर्जन मानक (जैसे BS6) लिखा होता है। कई वाहनों पर इंजन या बॉडी पर BS6 का स्टीकर भी लगा होता है। आप वाहन के मैनुअल या निर्माता की वेबसाइट पर भी जानकारी चेक कर सकते हैं।

सवाल: क्या भविष्य में BS4 वाहन बैन हो जाएंगे?

जवाब: फिलहाल पूरे देश में एक साथ BS4 वाहनों को बैन करने की कोई योजना नहीं है। हालांकि, कुछ बड़े शहरों में या प्रदूषण के गंभीर स्तर वाले इलाकों में पुराने (जैसे BS4 से पहले के) वाहनों के संचालन पर समय-समय पर प्रतिबंध लग सकते हैं, खासकर अत्यधिक प्रदूषण वाले दिनों में। यह स्थानीय नियमों पर निर्भर करेगा। अपने वाहन का सही रखरखाव करके आप उसे लंबे समय तक चला सकते हैं।

सवाल: क्या BS6 वाहन हमेशा BS4 से ज़्यादा माइलेज देते हैं?

जवाब: हमेशा नहीं। BS6 तकनीक मुख्य रूप से प्रदूषण कम करने पर केंद्रित है, न कि सीधे तौर पर माइलेज बढ़ाने पर। हालांकि, आधुनिक इंजन ट्यूनिंग और बेहतर कंबशन कंट्रोल के कारण कई BS6 वाहन अच्छा माइलेज देते हैं। कुछ मामलों में, उत्सर्जन कंट्रोल सिस्टम (जैसे DPF रीजेनरेशन) के कारण ईंधन की खपत थोड़ी बढ़ सकती है। यह मॉडल, इंजन टाइप और ड्राइविंग कंडीशन पर निर्भर करता है।

निष्कर्ष

BS6 इंजन पर्यावरण को स्वस्थ बनाने और वायु प्रदूषण कम करने के लिए एक बढ़िया और ज़रूरी कदम हैं। ये इंजन एक बेहतर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह सिर्फ इंजन टेक्नोलॉजी में बदलाव नहीं है, बल्कि स्वच्छ हवा की दिशा में देशव्यापी प्रयास का हिस्सा है।

हमें इन बदलावों को अपनाकर एक बेहतर भविष्य के लिए काम करना चाहिए। BS6 वाहनों का चुनाव करना, सही ईंधन का उपयोग करना, और अपने वाहन का सही रखरखाव करना, ये सभी छोटे-छोटे कदम हैं जो मिलकर बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

यह हमें प्रदूषण मुक्त और सांस लेने योग्य दुनिया प्रदान करेगा। आज ही, और हमेशा, हमारे आस-पास के वातावरण के प्रति जागरूक रहें और ऐसे कदम उठाएँ जो पर्यावरण को बेहतर बनाते हैं। BS6 मानक सिर्फ शुरुआत हैं; स्वच्छ परिवहन के भविष्य में और भी प्रगति की उम्मीद है।

अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें।

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