आजकल हम सभी प्रदूषण और ईंधन की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। सोचिए कि आपकी कार हर दिन वायु प्रदूषण में योगदान कर रही है और आपको जेब ढीली करनी पड़ रही है। लेकिन क्या कोई विकल्प है? जी हाँ, इलेक्ट्रिक कारें। क्या आपने कभी सोचा है कि ये कारें कैसे काम करती हैं और क्या उनके साथ कोई चुनौतियाँ हैं? इस लेख में, हम इलेक्ट्रिक कारों और पेट्रोल कारों के बीच एक व्यापक तुलना करेंगे, ताकि आप अपने लिए सही विकल्प चुन सकें। एक दोस्त ने हाल ही में इलेक्ट्रिक कार खरीदी और उसे ईंधन पर काफी पैसे बचत हुए। दूसरे को महंगे सिलेंडर और फुसफुसाती स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ा, जो शायद पेट्रोल गाड़ियों के धुएं से और भी बदतर हो सकती हैं।
इलेक्ट्रिक कारें क्या हैं और कैसे काम करती हैं?
इलेक्ट्रिक कारें, जिन्हें ईवी (EV) भी कहा जाता है, विद्युत ऊर्जा का उपयोग करके चलती हैं। ये विद्युत मोटरों का इस्तेमाल करती हैं जो बैटरी से ऊर्जा लेती हैं। इसे सरल भाषा में समझें तो, जैसे आपके घर में बिजली से चलने वाला पंखा होता है, इलेक्ट्रिक कार का मोटर भी कुछ वैसा ही होता है, बस यह कहीं ज़्यादा शक्तिशाली होता है।
पेट्रोल कारों के विपरीत, जहाँ पेट्रोल इंजन के अंदर ईंधन जलता है (आंतरिक दहन), जिससे बहुत गर्मी और धुआं पैदा होता है, इलेक्ट्रिक कारें यह सब झंझट खत्म कर देती हैं। उनमें कोई इंजन नहीं होता जिसमें विस्फोट हो या घर्षण हो। बिजली सीधे मोटर को मिलती है और पहियों को घुमाती है। यह प्रक्रिया बहुत सीधी और कुशल होती है।
इन कारों का मुख्य हिस्सा इनकी बैटरी होती है। आजकल ज़्यादातर इलेक्ट्रिक कारों में लिथियम-आयन (Lithium-ion) बैटरी का इस्तेमाल होता है, जैसी आपके मोबाइल फोन में होती है, लेकिन बहुत बड़े आकार की। यह बैटरी कार के लिए ऊर्जा का भंडार होती है। जब आप कार को चार्ज करते हैं, तो बिजली इस बैटरी में जमा हो जाती है।
जब आप गाड़ी चलाते हैं, तो बैटरी से बिजली मोटर तक जाती है। मोटर इस बिजली को यांत्रिक ऊर्जा (गति) में बदल देता है, जिससे पहिए घूमने लगते हैं। इस प्रक्रिया में ऊर्जा का नुकसान पेट्रोल इंजन की तुलना में बहुत कम होता है।
इलेक्ट्रिक कारों की एक और खास बात है रीजेनरेटिव ब्रेकिंग (Regenerative Braking)। यह एक कमाल की तकनीक है। जब आप एक्सीलरेटर पैडल से पैर हटाते हैं या ब्रेक लगाते हैं, तो मोटर उल्टा काम करने लगता है। यह पहियों की गति से ऊर्जा पैदा करता है और इसे बैटरी में वापस भेज देता है। सोचिए कि गाड़ी रुकने के लिए जो ऊर्जा बर्बाद होती थी, उसका कुछ हिस्सा अब बैटरी को चार्ज करने में इस्तेमाल हो रहा है! यह कार की रेंज बढ़ाने में मदद करता है, खासकर शहर की ड्राइविंग में जहाँ बार-बार ब्रेक लगाने पड़ते हैं।
इलेक्ट्रिक कारों के फायदे और कुछ चुनौतियाँ
इलेक्ट्रिक कारों के अपने फायदे और नुकसान हैं। आइए इन्हें विस्तार से देखें:
फायदे:
- ऊर्जा दक्षता: यह शायद सबसे बड़ा फायदा है। इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल कारों की तुलना में अविश्वसनीय रूप से अधिक ऊर्जा कुशल होती हैं। जैसा कि हमने पहले बताया, वे लगभग 60-80% विद्युत ऊर्जा को सीधे गति में बदल देती हैं। जबकि पेट्रोल कारें अपने इंजन में गर्मी, घर्षण और ध्वनि के रूप में बहुत सारी ऊर्जा बर्बाद कर देती हैं और केवल 20-35% ऊर्जा को ही पहियों तक पहुंचा पाती हैं। इसका सीधा मतलब है कि समान दूरी तय करने के लिए इलेक्ट्रिक कार को बहुत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- पर्यावरण संरक्षण: इलेक्ट्रिक कारों से टेलपाइप (साइलेंसर) से कोई धुआं नहीं निकलता। इसका मतलब है शून्य स्थानीय वायु प्रदूषण। यह शहरों की हवा को साफ रखने में बहुत मददगार है। इसके अलावा, अगर बिजली नवीकरणीय स्रोतों (जैसे सौर या पवन ऊर्जा) से आती है, तो इलेक्ट्रिक कारें जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पेट्रोल कारों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) गैस ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण है।
- दौड़-भाग की कम लागत: जैसा कि ऊपर बताया गया है, बिजली पेट्रोल और डीजल की तुलना में काफी सस्ती होती है। इससे इलेक्ट्रिक कारों को चलाने का दैनिक खर्च बहुत कम हो जाता है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक कारों में पेट्रोल इंजन की तुलना में बहुत कम चलने वाले हिस्से होते हैं। कोई इंजन ऑयल बदलने की जरूरत नहीं, कोई स्पार्क प्लग नहीं, कोई जटिल गियरबॉक्स नहीं (ज़्यादातर ईवी सिंगल-स्पीड ट्रांसमिशन का उपयोग करते हैं)।
- सुचारू और शांत चालन: इलेक्ट्रिक मोटर तुरंत पूरी शक्ति (टॉर्क – Torque) प्रदान करते हैं। जब आप एक्सीलरेटर दबाते हैं, तो कार बिना किसी देरी या गियर बदलने के झटके के तुरंत रफ्तार पकड़ती है। यह ड्राइविंग को बहुत सहज और मजेदार बनाता है। साथ ही, इलेक्ट्रिक मोटर पेट्रोल इंजन की तुलना में बहुत शांत होते हैं। सड़क और टायर की आवाज़ ही ज़्यादा सुनाई देती है।
- सरकारी प्रोत्साहन: कई सरकारें, खासकर भारत में, इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी (Subsidy) और टैक्स छूट (Tax Benefits) दे रही हैं। FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) जैसी योजनाएं इलेक्ट्रिक कार खरीदने की शुरुआती लागत को कम करने में मदद करती हैं।
उदाहरण के लिए, यदि आप 100 किमी की यात्रा कर रहे हैं, तो पेट्रोल कार को शायद 5-7 लीटर पेट्रोल की आवश्यकता होगी (लगभग 500-700 रुपये), जबकि इलेक्ट्रिक कार को शायद केवल 10-15 यूनिट बिजली की आवश्यकता होगी (घर पर चार्ज करने पर लगभग 100-150 रुपये)। यह एक बड़ी बचत है।
想像 करें, आपकी हर दिन की ड्राइव अब शहर की हवा को और जहरीला नहीं बना रही है। यह हमारे बच्चों के भविष्य के लिए एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम है।
इसका मतलब है कि नियमित सर्विसिंग और मरम्मत की लागत भी काफी कम होती है। ब्रेक पैड भी लंबे समय तक चलते हैं क्योंकि रीजेनरेटिव ब्रेकिंग ज़्यादातर ब्रेकिंग का काम करती है।
यह शांत अनुभव लंबी यात्राओं को कम थकाऊ बनाता है और शहर में ड्राइविंग के दौरान भी बहुत आरामदायक लगता है।
चुनौतियाँ:
- शुरुआती कीमत: इलेक्ट्रिक कारों की सबसे बड़ी चुनौती अभी भी उनकी शुरुआती खरीद लागत है। पेट्रोल कारों की तुलना में ये अक्सर महंगी होती हैं। इसका मुख्य कारण लिथियम-आयन बैटरी पैक की लागत है, जो कार का सबसे महंगा हिस्सा होता है। हालाँकि, जैसे-जैसे बैटरी तकनीक बेहतर हो रही है और उत्पादन बढ़ रहा है, कीमतें धीरे-धीरे कम हो रही हैं।
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क अभी पेट्रोल पंप जितना व्यापक नहीं है। शहरों में तो स्टेशन मिल जाते हैं, लेकिन लंबी यात्राओं पर या ग्रामीण इलाकों में चार्जिंग स्टेशन ढूंढना मुश्किल हो सकता है। हालाँकि, सरकार और निजी कंपनियां तेजी से चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं, जिसमें फास्ट चार्जिंग स्टेशन भी शामिल हैं जो कार को काफी कम समय में चार्ज कर सकते हैं।
- चार्जिंग समय: पेट्रोल कार को ईंधन भरने में कुछ मिनट लगते हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में ज़्यादा समय लगता है। घर पर सामान्य प्लग से चार्ज करने में कई घंटे लग सकते हैं (रात भर)। हालाँकि, समर्पित वॉल चार्जर (Wall Charger) और सार्वजनिक फास्ट चार्जर इस समय को काफी कम कर देते हैं, फिर भी यह पेट्रोल भरने जितना तेज़ नहीं है।
- बैटरी बदलना और जीवनकाल: इलेक्ट्रिक कार की बैटरी का जीवनकाल सीमित होता है (आमतौर पर 8-10 साल या 1.5 लाख किमी)। बैटरी पैक को बदलना बहुत महंगा हो सकता है। हालाँकि, बैटरी कंपनियां अक्सर लंबी वारंटी (Warranty) देती हैं (आमतौर पर 8 साल या 1.6 लाख किमी), और पुरानी बैटरी को रीसायकल (Recycle) करने की तकनीक भी विकसित हो रही है।
- बिजली की उपलब्धता और ग्रिड पर भार: कुछ क्षेत्रों में, खासकर बिजली कटौती वाले इलाकों में, घर पर या सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन पर लगातार बिजली मिलना एक चुनौती हो सकती है। साथ ही, यदि बड़ी संख्या में लोग एक साथ ईवी चार्ज करने लगें तो मौजूदा बिजली ग्रिड (Power Grid) पर दबाव पड़ सकता है। हालाँकि, स्मार्ट चार्जिंग (Smart Charging) तकनीकें और ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर का उन्नयन इन समस्याओं का समाधान कर रहा है।
यह ‘रेंज एंग्जायटी’ (Range Anxiety) को जन्म देता है – यानी बैटरी खत्म होने और चार्जिंग स्टेशन न मिलने का डर, खासकर नई ईवी मालिकों में।
इलेक्ट्रिक कारों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ
विश्व भर में, इलेक्ट्रिक कारों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। टेस्ला (Tesla) जैसी कंपनियों ने दिखाया है कि इलेक्ट्रिक कारें स्टाइलिश, तेज़ और लंबी रेंज वाली हो सकती हैं। चीन और यूरोप जैसे बाजारों में ईवी की बिक्री तेजी से बढ़ रही है।
भारत में भी, इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर और थ्री-व्हीलर (ऑटो) लोकप्रिय हुए, और अब इलेक्ट्रिक कारों के विकल्प भी बढ़ रहे हैं। टाटा मोटर्स (Tata Motors), महिंद्रा (Mahindra), एमजी (MG), हुंडई (Hyundai), किआ (Kia) जैसी कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक कारें बेच रही हैं और नए मॉडल लॉन्च कर रही हैं। सरकार की नीतियां (जैसे FAME II योजना) और बढ़ती ईंधन कीमतें लोगों को इलेक्ट्रिक कारों की ओर आकर्षित कर रही हैं।
2024-2025 में, बैटरी तकनीक में सुधार और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में विस्तार जारी रहेगा। हमें उम्मीद है कि बैटरी की लागत कम होगी, जिससे ईवी की शुरुआती कीमत घटेगी। साथ ही, बैटरी की घनत्व (Density) बढ़ेगी, यानी समान आकार की बैटरी ज़्यादा ऊर्जा स्टोर कर पाएगी, जिससे कार की रेंज बढ़ेगी।
2030 तक, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल कारों का एक मुख्य और व्यवहार्य विकल्प बन जाएंगी। चार्जिंग नेटवर्क हर जगह उपलब्ध होंगे, चार्जिंग का समय कम होगा, और कारें किफायती होंगी। तकनीकी उन्नति से ईवी की दक्षता और रेंज में और वृद्धि होगी, और ये कारें सभी प्रकार की यात्राओं के लिए उपयुक्त हो जाएँगी, जिनमें लंबी दूरी की यात्राएं भी शामिल हैं।
इलेक्ट्रिक कार खरीदने से पहले विचार करने योग्य बातें और प्रैक्टिकल सुझाव
यदि आप इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर विचार कर रहे हैं, तो यहाँ कुछ बातें हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए:
- अपनी ड्राइविंग जरूरतों को समझें: आप हर दिन कितनी दूरी तय करते हैं? क्या आपकी ज़्यादातर ड्राइविंग शहर में होती है या आप अक्सर लंबी यात्राओं पर जाते हैं? इससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि आपको कितनी रेंज वाली बैटरी की आवश्यकता है।
- चार्जिंग विकल्पों की जाँच करें: क्या आप घर पर चार्ज कर सकते हैं? क्या आपके कार्यस्थल पर चार्जिंग सुविधा है? क्या आपके नियमित यात्रा मार्गों पर पर्याप्त सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं?
- बजट तय करें: शुरुआती खरीद लागत, सरकारी सब्सिडी, संभावित टैक्स लाभ और चलाने की लागत (बिजली और रखरखाव) को ध्यान में रखते हुए अपना कुल बजट तय करें।
यदि आप इलेक्ट्रिक कारों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो यहाँ कुछ प्रैक्टिकल सुझाव दिए गए हैं:
- ऑनलाइन शोध करें: विभिन्न मॉडलों की समीक्षाएं पढ़ें, इलेक्ट्रिक कार मंचों (Forums) और सोशल मीडिया समूहों (Social Media Groups) में शामिल हों जहाँ मौजूदा मालिक अपने अनुभव साझा करते हैं। विभिन्न वेबसाइटों (Websites) पर तुलनात्मक अध्ययन देखें।
- ईवी प्रदर्शनी में जाएं: यदि संभव हो, तो इलेक्ट्रिक वाहन प्रदर्शनी या ऑटो शो (Auto Show) में जाएं। यहाँ आप विभिन्न कंपनियों के मॉडलों को देख सकते हैं, उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अक्सर टेस्ट ड्राइव का अवसर भी मिलता है।
- इलेक्ट्रिक कार के मालिकों से बात करें: अपने दोस्तों, सहकर्मियों या रिश्तेदारों से बात करें जिन्होंने इलेक्ट्रिक कारें खरीदी हैं। उनके वास्तविक जीवन के अनुभव सुनें। उनसे पूछें कि वे कार से कितने खुश हैं, उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और वे इसे कैसे चार्ज करते हैं।
- चार्जिंग स्टेशन खोजें: अपने घर, कार्यस्थल और उन जगहों के पास चार्जिंग स्टेशन खोजने के लिए ऐप्स (Apps) का उपयोग करें जहाँ आप अक्सर जाते हैं। Plugshare या कार निर्माता के अपने ऐप जैसे ऐप बहुत उपयोगी हो सकते हैं। इससे आपको चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता का अंदाजा लगेगा।
- सरकारी योजनाओं के बारे में पता लगाएँ: केंद्र सरकार (जैसे FAME योजना) और अपनी राज्य सरकार द्वारा दी जा रही ईवी सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहनों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। ये आपकी खरीद लागत को काफी कम कर सकते हैं।
- टेस्ट ड्राइव लें: यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है। जितनी संभव हो उतनी इलेक्ट्रिक कारों की टेस्ट ड्राइव लें। देखें कि वे कैसी चलती हैं, आपको कौन सा मॉडल चलाने में सबसे आरामदायक लगता है, और उसकी रेंज आपकी जरूरतों के लिए पर्याप्त है या नहीं। ड्राइविंग अनुभव पेट्रोल कार से काफी अलग और अक्सर बेहतर होता है।
इलेक्ट्रिक कारों के प्रकार
वैसे तो हम ‘इलेक्ट्रिक कार’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन तकनीकी रूप से इनके कुछ प्रकार होते हैं:
- बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (Battery Electric Vehicle – BEV): ये पूरी तरह से बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर पर चलते हैं। इनमें कोई पेट्रोल इंजन नहीं होता। ज़्यादातर इलेक्ट्रिक कारें इसी श्रेणी में आती हैं (जैसे Tata Nexon EV, MG ZS EV)।
- प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (Plug-in Hybrid Electric Vehicle – PHEV): इनमें एक पेट्रोल इंजन और एक इलेक्ट्रिक मोटर दोनों होते हैं। इन्हें चार्ज भी किया जा सकता है और इनमें पेट्रोल भी भरा जा सकता है। ये छोटी दूरी के लिए बिजली पर चल सकते हैं और लंबी दूरी के लिए पेट्रोल इंजन का उपयोग कर सकते हैं। ये उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं जिन्हें रेंज की चिंता है लेकिन वे इलेक्ट्रिक ड्राइविंग का अनुभव भी करना चाहते हैं।
- हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (Hybrid Electric Vehicle – HEV): इनमें भी पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों होते हैं, लेकिन इन्हें बाहर से प्लग-इन करके चार्ज नहीं किया जा सकता। बैटरी कार चलाने के दौरान रीजेनरेटिव ब्रेकिंग या पेट्रोल इंजन द्वारा चार्ज होती है। ये सामान्य पेट्रोल कारों की तुलना में ज़्यादा कुशल होते हैं, लेकिन ये ‘शून्य-उत्सर्जन’ वाहन नहीं हैं।
जब हम आमतौर पर इलेक्ट्रिक कारों की बात करते हैं, तो हमारा मतलब BEV से होता है, जो असली शून्य-उत्सर्जन वाहन हैं।
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
इलेक्ट्रिक कारों के बारे में लोगों के मन में कुछ आम सवाल होते हैं। आइए उनमें से कुछ के जवाब देखें:
- सवाल: क्या इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल कारों जितनी तेज़ होती हैं?
- सवाल: इलेक्ट्रिक कार की बैटरी कितने समय तक चलती है?
- सवाल: इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में कितना समय लगता है?
- सवाल: क्या बारिश या पानी में इलेक्ट्रिक कार चलाना सुरक्षित है?
- सवाल: इलेक्ट्रिक कारों का रखरखाव कैसा होता है?
जवाब: हाँ, अक्सर इलेक्ट्रिक कारें तुरंत टॉर्क (Torque) मिलने के कारण पेट्रोल कारों से भी ज़्यादा तेज़ एक्सलरेशन (Acceleration) देती हैं। वे बहुत तेज़ी से रफ्तार पकड़ सकती हैं।
जवाब: आमतौर पर, इलेक्ट्रिक कार की बैटरी 8 से 10 साल या 1.5 लाख किलोमीटर तक चलती है। निर्माता अक्सर इससे ज़्यादा की वारंटी (Warranty) देते हैं (जैसे 8 साल या 1.6 लाख किमी)। बैटरी का प्रदर्शन समय के साथ थोड़ा कम हो सकता है (जैसे मोबाइल फोन की बैटरी), लेकिन अचानक खराब नहीं होती।
जवाब: यह चार्जर के प्रकार और कार की बैटरी के आकार पर निर्भर करता है। घर के सामान्य 15A सॉकेट से पूरी रात (8-10 घंटे) लग सकते हैं। एक समर्पित होम वॉल चार्जर से 4-6 घंटे लग सकते हैं। सार्वजनिक फास्ट चार्जर से 30 मिनट से 1 घंटे में 80% तक चार्ज हो सकता है।
जवाब: हाँ, बिल्कुल सुरक्षित है। इलेक्ट्रिक कारों के सभी इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स (Electrical Components) अच्छी तरह से सील (Sealed) और वाटरप्रूफ (Waterproof) होते हैं। वे पानी में चलाने के लिए पेट्रोल कारों की तरह ही सुरक्षित डिज़ाइन किए जाते हैं।
जवाब: इलेक्ट्रिक कारों का रखरखाव पेट्रोल कारों की तुलना में काफी कम होता है। इनमें इंजन ऑयल, स्पार्क प्लग, एयर फिल्टर (इंजन का), एग्जॉस्ट सिस्टम (Exhaust System) जैसी चीजें नहीं होतीं। मुख्य रखरखाव ब्रेक पैड, टायरों की जांच, और कभी-कभी कूलेंट (Coolant) सिस्टम की जांच तक सीमित रहता है। इससे रखरखाव की लागत कम आती है।
निष्कर्ष
इलेक्ट्रिक कारें निश्चित रूप से परिवहन के भविष्य का एक बड़ा हिस्सा हैं। वे पर्यावरण के अनुकूल हैं, चलाने में सस्ती हैं, और ड्राइविंग का एक आरामदायक और शांत अनुभव प्रदान करती हैं। हालाँकि उनकी शुरुआती कीमत ज़्यादा है और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी विकसित हो रहा है, ये चुनौतियाँ समय के साथ कम होती जा रही हैं।
इलेक्ट्रिक कार खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय है। यह सिर्फ कार बदलने से ज़्यादा, एक नई जीवनशैली अपनाने जैसा है। इसे खरीदने से पहले अपनी जरूरतों, बजट और स्थानीय चार्जिंग विकल्पों पर अच्छी तरह विचार करना महत्वपूर्ण है, ताकि आप एक सूचित निर्णय ले सकें।
जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है और जागरूकता बढ़ रही है, इलेक्ट्रिक कारें हमारे सड़कों पर और अधिक आम होती जाएंगी। इस तकनीक के विकास को देखना और इसका लाभ उठाना हमारे और हमारे ग्रह के लिए महत्वपूर्ण है।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें।